सामवेद का सार

चार वेदो मे सबसे छोटा सामवेद है इसके दो वर्ग है एक है पूर्वाचिक वर्ग और दूसरा है उत्तराचिक वर्ग । पूर्वाचिक वर्ग मे 650 मंत्र और उत्तराचिक वर्ग मे 1225 मंत्र है , इस प्रकार 1275 टोटल मंत्र सामवेद मे है । सामवेद मे जायदातर मंत्र ऋग्वेद से ही लिए गए है । सामवेद मे भक्ति और उपासना की जानकारी दी गयी है ।
ओषधि और स्वास्थ के बारे तथा प्राकृतिक चिकित्सा के बारे मे जानकारी दी गयी है । इसके अलावा अग्नि पूजा , इन्द्र पूजा,राजकुल की परंपरा , राजा और सेना के कर्तव्य तथा जागरूक पुरुष की जानकारी दी गयी है । चारों वेद विश्व इतिहास के सबसे पुराने ग्रंथ है । पश्चिमी विद्वानो ने भी चारो वेदो को विश्व के सबसे पुराने ज्ञान के भंडार की धरोहर माना है ।
पंडित यतेन्द्र शर्मा, कुंडली एवं वास्तु विशेष्ाज्ञ ( ऐ1 श्री बालाजी हनुमान मंदिर रामा विहार डेल्ही81 )