पदम पुराण ज्ञान का भंडार

पिछली पोस्ट मे हमने लिखा था कि पदम पुराण के 5 खंड होते है । जिसमे आपको 2 खंडों सृष्टि खंड और भूमि खंड की जानकारी दी थी । आज आपको 3 खंडों की जानकारी देंगे ।
3- स्वर्ग खंड –
इस खंड मे देवता , गंधर्व , अप्सरा और यक्ष आदि के लोको की जानकारी दी गयी है । इस खंड मे राजा दिबोदास , राजा हरीशचंद और मानधता आदि राजाओ का विवरण है । सूत जी द्वारा भारत वर्ष के 7 पर्वत , 122 नदी , उत्तर भारत के पुराने 135 जिले तथा दक्षिण भारत के प्रमुख 51 जिले का वर्णन है । इसके अलावा मलेच्छ राजाओ का तथा 20 महान राजाओ का वर्णन है ।
इसके अलावा नारद जी ने गंगा , यमुना , सरस्वती और नर्मदा नदियों की महिमा का वर्णन किया है । इसके अलावा अमरकंटक तीर्थ और ब्रह्मचर्य तथा ग्रहस्थ आश्रम का भी वर्णन किया है ।
4-पाताल खंड –
इस खंड मे नाग लोक का वर्णन है । इस खंड मे रामायण के विस्तृत वर्णन है तथा भरत मिलाप का मार्मिक वर्णन है । भगवान राम का अश्वमेघ यज्ञ शस्त्रुघन का अश्वमेघ यज्ञ , लव कुश की विजय , ऋषि बाल्मीकी द्वारा सीता जी की पवित्रता , श्री कृष्ण और राधा की प्रेम प्रसंग , राधा की 8 सहेलिया का वर्णन , वैष्णवों के 5 प्रकार की पूजा तथा इसके अलावा तुलसी पोधे का महतव्य और भगवान कृष्ण का ध्यान का महत्व का विस्तृत वर्णन है ।
5- उत्तर खंड –
इस खंड का प्रारम्भ ऋषि नारद और महदेव के बीच बातचीत बदरिका आश्रम और नारायण की महिमा से होता है । इस खंड मे गंगा , यमुना , प्रयाग , काशी और गया आदि की महिमा का वर्णन है । तुलसी व्रत और समवतसरीय व्रत का महत्व ,क्रष्ण जन्माष्टमी को जयंती अष्टमी कब बोला जाता है । राजा दशरथ द्वारा शनि को प्रसन्न करने के लिए शनि श्रोत का वर्णन है । त्रिस्पृशा का वर्णन है इसके आने से करोरों जन्मों के पाप नष्ट हो जाते है । एकादशी का महत्व का वर्णन है । इसके अलावा चिकिस्ता संबंधी विस्तृत जानकारी है इस खंड मे है तथा गीता के हर अध्याय के श्रवण का क्या महत्व होता है ।
यह है महान सनातन धर्म का ज्ञान ।
सनातन अपनाएं और जीवन को सफल बनाएँ
पं. यतेन्द्र शर्मा ( कुंडली एवं वास्तु विशेष्ाज्ञ )