क्या हमारा हिन्दू धर्म इतना कमजोर हो गया है कि अब इसे शायद और धर्मो की आवश्यकता पड़ गयी है ?

हमारे हिन्दू धर्म और हिन्दू धर्म के लोगों की यह कैसी विडम्बना आ गयी है कि आज हमारा हिन्दू समाज और धर्म ही दो राहों पर आके खड़ा हो गया है । क्या हमारा हिन्दू धर्म इतना कमजोर हो गया है कि अब इसे शायद और धर्मो की आवश्यकता पड़ गयी है ? आखिर ऐसा क्यों हो रहा है और ऐसा हुआ क्यों ? क्या हम खुद ही इसके सबसे बड़े जिम्मेवार हैं जो अपने ही हाथों हम अपने ही धर्म को तथाकथित अन्य धर्मो और सम्प्रदायों के हाथों में देकर इसे कमजोर कर रहे हैं । हमारा देश भारत जिसे हिंदुस्तान कहा जाता है वही आज अपने ही धर्म में पिसता चला जा रहा है । हमारे धर्म में देवी देवताओ को ही सर्वोच्च पद पर पूजा जाता है लेकिन जो हमारे हिन्दू धर्म के अनुयायी अलग अलग सम्प्रदायो जैसे कि कोई निर्मल बाबा जैसे , डेरा सच्चा सौदा … [ Read More ]

मंत्र जाप कैसे करें ? और मंत्रो से 7 चक्रों को ऊर्जावान कैसे बनाएं ?

मंत्रों का विज्ञान बहुत विचित्र है । यह तो ऐसा है मानो जैसे एक आलू को अलग अलग सब्जियों के साथ मिलाने से अलग अलग स्वाद देता है । ऐसे ही मंत्र तो एक ही होता है पर उसको शरीर के अलग अलग चक्रो से, प्राणो से और इंद्रियों से उच्चारण करने से उसका आनंद और फल अलग अलग होता है । अब समस्या आती है कि जब आप मंत्र करने बैठते हो या पूजा करने बैठते हो तो आपका मन भटकता है । आपका चित एकाग्र नहीं हो पाता है । इसलिए सबसे पहले मन को अंतकरण मे चित मे और शरीर मे बार बार भ्रमण कराने की कोसिस करो । आपका मन आपके शरीर से बाहर न जा पाये । अगर मन को शरीर मे रहने की आदत हो गयी तो आपके लिए मंत्र जाप करना और पूजा करना या तपस्या करना बहुत ही आसान हो जाएगा । … [ Read More ]

पूजा पाठ करने का वैज्ञानिक आधार क्या है ? क्यों करें हम पूजा पाठ ? क्या पूजा पाठ करने से शरीर में ऊर्जा बढ़ती है ?

इस संसार के सभी बुद्धि जीवी लोगो में मतभेद है कि क्या पूजा पाठ से कोई लाभ होता है या नहीं । पूजा पाठ करने से भगवान मिले या न मिले पर इसका वैज्ञानिक लाभ हमारे शरीर को अवश्य ही मिलता है । विज्ञानं में यूरेनियम और रेडियम नाम के दो तत्व होते है दोनों इस पृथ्वी पर बिखरे पड़े है । जब वैज्ञानिक लोग यूरेनियम को एकत्रित करके संधान करता है । तथा उसको एकत्रित करके परमाणु बम का रूप देता है तो वो यूरेनियम रूपी बिखरी हुई ऊर्जा एकत्रित करके बहुत शक्तिशाली परमाणु बम्ब के रूप मे परिवर्तित हो जाती है । तथा लाखो आदमियों की हत्या 1 मिनट मे कर सकती है । इसी प्रकार बिखरे हुए रेडियम को एकत्रित कर दिया दिया जाए तो वो भी उजाला या प्रकाश देना शुरू कर देता है । हमारा ब्रह्मांड ऊर्जा का भंडार है । और हमारा शरीर भी … [ Read More ]

मन्त्रों का वैज्ञानिक रहस्य क्या है ? क्या मन्त्रों को जपने से लाभ होता है ? मन्त्र जाप कैसे करें ?

मंत्रो का निर्माण हमारे नाभि चक्र से होता है और एक मंत्र की गति इतनी तीव्र होती है कि एक पल में मंत्र हमारी पृथ्वी के १७ बार चक्र लगा लेता है । वाणी से निकला हुआ मन्त्र अंतरिक्ष के अंतिम छोर तक जाता है । जहाँ तक इसकी सीमाए निर्धारित होती है या आप जिस उद्देश को लेकर मन्त्र कर रहे हो मंत्र उसी लोक तक ,उसी देवता तक या उसी ग्रह तक तथा उसी भगवान् तक जाता है । तथा वहाँ से ईको (प्रतिध्वनि ) के रूप में बहुत शक्तिशाली होकर आपके पास आता है । तथा आपके नाभि चक्र को बहुत शक्तिशाली बना देता है । मुझे पता है कि कुछ कुतर्की लोग इस बात को नहीं मानेंगे इसलिए मैं विज्ञानं का एक उदहारण दे रहा हूँ । जरा ध्यान से समझने की कोसिश करे.एक ५०० मीटर लंबे बंद हॉल में आप एक शब्द का उच्चारण करे … [ Read More ]

दीपावली पर माता लक्ष्मी की पूजा की तैयारी अभी से । कब और कौनसे मुहूर्त में करे माता लक्ष्मी की पूजा ?

दीपावली पर माता लक्ष्मी की पूजा की तैयारी अभी से । सर्वोत्तम मुहुर्त । लक्ष्मी पूजा के लिए स्थिर लग्न उत्तम है जिससे माता लक्ष्मी घर में विराजमान रहती है । इस बार दीपावली 11 नवंबर बुधवार को मनाई जाएगी । देलहि में स्थिर ( वृष ) लग्न शाम 5:41 से सायं 7:36 तक रहेगी । वृष लग्न में 12 विशोंपक बल है और इसी समय शुभ की चौघड़िया शाम 7:07 बजे से रात्रि 8:47 तक और अमृत की चौघड़िया रात्रि 8:47 से रात्रि 10:47 बजे तक रहेगी । चर की चौघड़िया 10:47 से 12:07 मिनट रात्रि तक रहेगी । पूजा में शुभ , अमृत और चर की चौघड़िया धन लाभ के लिए बहुत अच्छी रहती है । दिल्ली में प्रदोष काल 20:06 तक । निशीथ काल 20:06 से 22:45 तक । महानिशीथ काल 22:45 से 25:24 तक रहेगा । निशीथ काल में माता लक्ष्मी का पूजन सर्वोत्तम रहता है … [ Read More ]

आखिर हिन्दू धर्म में फ़क़ीर साईं की पूजा बढ़ाने का दोषी कौन ? स्वयं हिन्दू या हिन्दू धर्म के मठाधीश ?

आखिर हिन्दू धर्म में फ़कीर साईं की पूजा बढ़ने का दोषी कौन ? स्वयं हिन्दू या हिन्दू धर्म के मठाधीश बड़ाM विचित्र प्रश्न है कि आखिर हिन्दुओ का झुकाव एक फ़क़ीर की तरफ क्यों हुआ ? क्या हमारा धर्म और ज्ञान इतना कमजोर था कि हम भावना में बह गए या हमारे मठाधीसों ने अपने कर्म का पालन ठीक से नहीं किया था .या वो अपने कर्म से विमुक्त हो गए थे . क्या वो सोते रहे .या उनमे साहस नहीं था कि हिन्दू लोगो में जागरण पैदा किया जाए . यह सनातन का दुर्भाग्य ही था कि मुल्ला साईं जैसे नाम का जिन्ह बड़ा होता गया और हिन्दू धर्म को निगलता गया . अब उस साईं नाम के जिन्ह का आकार महाभारत के योद्धा घतोत्कक्ष के सामान बड़ा हो गया है उसको गिराने के लिए एक अवतार की जरुरत होगी ऐसे साईं रूपी जिन्ह को मारने के लिए दिव्यास्त्र … [ Read More ]

सृष्टि के आरम्भ में ज्ञान कहा सेआया ? ये कहां संचित रहता है ?क्या है इसका वैज्ञानिक कारण ?

श्रष्टि के आरंभ मे ज्ञान कहाँ से आया था ? क्या है वैज्ञानिक कारण ? यह प्रश्न सोचने पर मजबूर करता है कि श्रष्टि के आरंभ मे ज्ञान कहाँ से आया था ? और कहाँ संचित रहता है ? ज्ञान और आत्मा का गहरा संबन्ध है । जब प्रलय काल आता है तब कुछ महान लोगो की आत्मा ऐसे होती है जिनको मोक्ष प्राप्त नहीं होता है । तथा उनके उच्च कर्म होते है । वे आत्मा अपने पूर्व जन्म के कर्मो के आधार पर पुन श्रष्टि के आरंभ मे जन्म लेते है । तथा जो ज्ञान अन्तःकरण मे संचित होता है वही ज्ञान पुन जाग्रत हो जाता है । इसको आप एक वैज्ञानिक उदाहरण के माध्यम से समझ सकते हो । जैसे बिजली के तारों मे बिजली दोड़ रही होती है और उसमे बहुत ऊर्जा होती है , उस ऊर्जा से नाना प्रकार के उपकरणो के माध्यम से ज्ञान … [ Read More ]

क्या योग से सभी लोकों पर भ्रमण किया जा सकता है ? क्या है योग का वैज्ञानिक आधार ?

योग का विज्ञान हमारे ऋषियों ने बहुत पहले खोज लिया था । योग विज्ञान से भौतिक विज्ञान का जन्म हुआ था । भौतिक विज्ञान हमे दिखाई देता है । इसलिए मनुष्य भौतिक विज्ञान पर बहुत शीघ्र विश्वास कर लेता है । लेकिन योग विज्ञान दिखाई नहीं देता है इसलिए भौतिक वैज्ञानिक उस पर विश्वास नहीं करता है । कैसे काम करता है योग विज्ञान ? आप इसको एक वैज्ञानिक उदाहरण के माध्यम से समझ सकते हो । अभी हमारे वैज्ञानिको ने एक मंगल यान मंगल लोक पर भेजा है । उस यान का एक यंत्र प्रथवि लोक के हरीकोटा मे स्थित है और एक यंत्र यान के साथ लगा हुआ है । जो प्रथवि लोक का यंत्र है उस यंत्र से मंगल लोक के यान का यंत्र संचालित हो रहा है । मंगल लोक के यान को प्रथवि लोक के वैज्ञानिक संचालित कर रहे है । और मंगल लोक की … [ Read More ]

क्या शरीर भगवान् का एक दिव्य यंत्र है , जिसके द्वारा भगवान् को प्राप्त किया जा सकता है ?

अगर कोई भी साधक भगवान को जानना चाहता है तो उसको सबसे पहले भगवान के द्वारा दिये इस शरीर रूपी यंत्र को जानना जरूरी है । इस शरीर रूपी यंत्र मे भगवान को प्राप्त करने के मार्ग और दिशा मोजूद है । बस साधना से उन रास्ते को जानने की आवश्यकता है । इस शरीर मे मन , बुद्धि , प्राण और आत्मा ये चार ऐसे स्वचालित यंत्र है जो कि रेडियो तरंगो की तरह भिन्न भिन्न लोको से जुड़े रहते है । मन का संबंध प्रथवि लोक के साथ जुड़ा रहता है । बुद्धि का संबंध 136 लोको के जुड़ा रहता है । प्राण का संबंध शरीर के जुड़ा रहता है । और आत्मा का संबंध परमात्मा से जुड़ा रहता है । इन सबके के कार्य अलग अलग है । मन , बुद्धि , प्राण और आत्मा के कार्यो को साधना से समझने की आवश्यकता है । मन के … [ Read More ]