वेबदैनिकी

क्या साधना से शारीर के दोषों की शान्ति हो जाती है ?

यह सत्य है कि साधना करने से शरीर के विकार दूर हो जाते है । मनुष्य मे विकार उसके पैदा होने के साथ ही चित मे आ जाते है । जो विकार चित मे संचित होते है वो पूर्व जन्म के कर्मों के कारण होते है । अब साधना से मन को मूलाधार चक्र से लेकर ब्रह्मरंध्र तक तथा ब्रह्मरंध्र से लेकर मूलाधार तक बार बार संचार किया जाये तो चित मे मौजूद विकार समाप्त होने शुरू हो जाते है । यह अभ्यास पहले 10 मिनट से प्रारम्भ करना चाहिए तथा धीरे धीरे इस अभ्यास को 1 घंटे तक ले जा सकते है । ये विकार उसी प्रकार समाप्त हो जाते है जैसे अन्न को पकाने से अन्न अपनी उगने की क्षमता खो देता है इसी प्रकार जब मन साधना से चित मे संचित विकारो को तपा देता है या पका देता है तो विकार शरीर मे उत्पन्न होनी की … [ Read More ]

क्या कोई गुरु आत्मा से बात कर सकता है या है पाखण्ड? क्या इसका वायोवैज्ञानिक आधार ?

आत्मा का आकार इतना सूक्ष्म होता है कि उससे बात करने बात तो दूर की है उसको किसी भी बारीक से बारीक दूरबीनों से देखा नहीं जा सकता है । आत्मा का आकार एक बाल के गोल अग्र भाग के 60 हिस्से कर दिये जाये तथा 60 वे हिस्से के एक भाग के 99 हिस्से कर दिये जाये तथा 99 वे हिस्से के एक भाग के फिर 60 हिस्से कर दिये जाये तथा 60 वे भाग के 99 हिस्से कर दिये जाये तो 99 वे भाग मे से एक हिस्से के बराबर आत्मा का सूक्ष्म आकार होता है । यानि 1 बाल के गोल हिस्से का 3 करोड़ 52 लाख 83 हजार 600 वा हिस्सा । अब कल्पना करे आत्मा इतनी सूक्ष्म है कि उससे शरीर का कोई भी तत्व और इंद्री बात करने मे सक्षम नहीं है । एक आत्मा किसी दूसरी आत्मा से तभी बात कर सकती है … [ Read More ]

क्या शुभ कर्म और अशुभ कर्म कहीं संचित होते हैं ? क्या है इसका वैज्ञानिक रहस्य ? क्या दीवारों के भी कान होते हैं ?

चुप चाप चोरी करते है यह सोचकर कि किसी ने नहीं देखा है हम किसी की हत्या करते है यह सोचकर किसी नहीं देखा है ,हम झूठ बोलते है, हम चुप चाप रिश्वत लेते है , हम बंद कमरे में किसी का बुरा सोचते है, हम किसी के प्रति बुरी नज़र रखते है, हम किसी से ईर्षा बहुत करते है, हम भगवान के मंदिर से चोरी करते है या हम भगवान् को गाली देते है.या आप बंद कमरे में किसी का भला सोचते है ,आत्मा से दिल से किसी की सहायता करते है, या आप किसी गरीब की धन से मदद करते है,या आप किसी की जान बचाते है, या आप किसी को ज्ञान बांटते है,या आप आत्मा से मन से शरीर से समाज का कल्याण करते है. तो क्या ये सभी अशुभ कर्म व शुभ कर्म कही पर संचित होते है? अज्ञानी तो यही सोचता है कि मुझे किसी … [ Read More ]

बुरे और अच्छे कर्म को कैसे पहचाने ?

बुरे और अच्छे कर्म को पहचानना न तो किसी संत के बस की बात है न किसी ज्ञानी के बस की बात है । और साधारण इंसान तो इसको जानता ही नहीं है । हर संत महात्मा ,ज्ञानी और साधारण मनुष्य अपने निहित स्वार्थ के लिए बुरे कर्म को ही अपनी इच्छा अनुसार अच्छा बना लेता है । जिस प्रकार कर्ण ,गुरु द्रोणाचर्य और कृपाचार्य ने अपने बुरे कर्म को और दुर्योधन के नमक के बदले अच्छे कर्म मे बदलने की कोशिस की । बुरे कर्म वो कर्म होते है जिनको करने बाद भय लगता है और रात को नीद नहीं आती है । उन कर्मो को करने के बाद आपको नकली आनंद की अनुभूति तो होती है । और अच्छे कर्म वो होते है जिनको करने बाद आपको न तो भय लगता है और रात को चेन और आनंद की नीद आती है । बुरे और अच्छे कर्मो का … [ Read More ]

अब हिन्दू कोई भी अपना त्यौहार किसी से पूछ कर मनाएंगे क्या ?

अब हिन्दू अपना कोई भी त्यौहार किसी से पूछ कर मनाएंगे क्या ? अब क्या इनको इतना भी अधिकार नहीं है कि वो अपना कोई भी त्योहार अपनी स्वतंत्रता के साथ मना सके ? होली के दिन रंगो से मत खेलो जल दूषित हो जाएगा , दिवाली पर आतिशबाजी मत करो वायु प्रदुषण होगा । जो लोग और मीडिया इन चीजो को रोकने का प्रयास कर रहे हैं वो सभी तब कहाँ चले जाते हैं जब किसी नेता के जीतने पर , क्रिकेटर्स की जीत की ख़ुशी पर आतिशबाजी और तो और ईद आने पर बकरा काटने और क्रिसमस वाले दिन शराब पीने पर ये कुछ भी नहीं बोलते तब तो इनको सब कुछ अच्छा लगता है सिवाय हिन्दुओ के त्यौहार मनाने के । मेरे मित्रों अब नहीं जागे तो कभी नही जाग पाओगे । हम अपने ही त्यौहार की खुशियाँ नहीं मनाएंगे तो क्या मनाएंगे ? इसलिए खूब खुशियाँ … [ Read More ]

क्या हमारा हिन्दू धर्म इतना कमजोर हो गया है कि अब इसे शायद और धर्मो की आवश्यकता पड़ गयी है ?

हमारे हिन्दू धर्म और हिन्दू धर्म के लोगों की यह कैसी विडम्बना आ गयी है कि आज हमारा हिन्दू समाज और धर्म ही दो राहों पर आके खड़ा हो गया है । क्या हमारा हिन्दू धर्म इतना कमजोर हो गया है कि अब इसे शायद और धर्मो की आवश्यकता पड़ गयी है ? आखिर ऐसा क्यों हो रहा है और ऐसा हुआ क्यों ? क्या हम खुद ही इसके सबसे बड़े जिम्मेवार हैं जो अपने ही हाथों हम अपने ही धर्म को तथाकथित अन्य धर्मो और सम्प्रदायों के हाथों में देकर इसे कमजोर कर रहे हैं । हमारा देश भारत जिसे हिंदुस्तान कहा जाता है वही आज अपने ही धर्म में पिसता चला जा रहा है । हमारे धर्म में देवी देवताओ को ही सर्वोच्च पद पर पूजा जाता है लेकिन जो हमारे हिन्दू धर्म के अनुयायी अलग अलग सम्प्रदायो जैसे कि कोई निर्मल बाबा जैसे , डेरा सच्चा सौदा … [ Read More ]

मंत्र जाप कैसे करें ? और मंत्रो से 7 चक्रों को ऊर्जावान कैसे बनाएं ?

मंत्रों का विज्ञान बहुत विचित्र है । यह तो ऐसा है मानो जैसे एक आलू को अलग अलग सब्जियों के साथ मिलाने से अलग अलग स्वाद देता है । ऐसे ही मंत्र तो एक ही होता है पर उसको शरीर के अलग अलग चक्रो से, प्राणो से और इंद्रियों से उच्चारण करने से उसका आनंद और फल अलग अलग होता है । अब समस्या आती है कि जब आप मंत्र करने बैठते हो या पूजा करने बैठते हो तो आपका मन भटकता है । आपका चित एकाग्र नहीं हो पाता है । इसलिए सबसे पहले मन को अंतकरण मे चित मे और शरीर मे बार बार भ्रमण कराने की कोसिस करो । आपका मन आपके शरीर से बाहर न जा पाये । अगर मन को शरीर मे रहने की आदत हो गयी तो आपके लिए मंत्र जाप करना और पूजा करना या तपस्या करना बहुत ही आसान हो जाएगा । … [ Read More ]

पूजा पाठ करने का वैज्ञानिक आधार क्या है ? क्यों करें हम पूजा पाठ ? क्या पूजा पाठ करने से शरीर में ऊर्जा बढ़ती है ?

इस संसार के सभी बुद्धि जीवी लोगो में मतभेद है कि क्या पूजा पाठ से कोई लाभ होता है या नहीं । पूजा पाठ करने से भगवान मिले या न मिले पर इसका वैज्ञानिक लाभ हमारे शरीर को अवश्य ही मिलता है । विज्ञानं में यूरेनियम और रेडियम नाम के दो तत्व होते है दोनों इस पृथ्वी पर बिखरे पड़े है । जब वैज्ञानिक लोग यूरेनियम को एकत्रित करके संधान करता है । तथा उसको एकत्रित करके परमाणु बम का रूप देता है तो वो यूरेनियम रूपी बिखरी हुई ऊर्जा एकत्रित करके बहुत शक्तिशाली परमाणु बम्ब के रूप मे परिवर्तित हो जाती है । तथा लाखो आदमियों की हत्या 1 मिनट मे कर सकती है । इसी प्रकार बिखरे हुए रेडियम को एकत्रित कर दिया दिया जाए तो वो भी उजाला या प्रकाश देना शुरू कर देता है । हमारा ब्रह्मांड ऊर्जा का भंडार है । और हमारा शरीर भी … [ Read More ]

मन्त्रों का वैज्ञानिक रहस्य क्या है ? क्या मन्त्रों को जपने से लाभ होता है ? मन्त्र जाप कैसे करें ?

मंत्रो का निर्माण हमारे नाभि चक्र से होता है और एक मंत्र की गति इतनी तीव्र होती है कि एक पल में मंत्र हमारी पृथ्वी के १७ बार चक्र लगा लेता है । वाणी से निकला हुआ मन्त्र अंतरिक्ष के अंतिम छोर तक जाता है । जहाँ तक इसकी सीमाए निर्धारित होती है या आप जिस उद्देश को लेकर मन्त्र कर रहे हो मंत्र उसी लोक तक ,उसी देवता तक या उसी ग्रह तक तथा उसी भगवान् तक जाता है । तथा वहाँ से ईको (प्रतिध्वनि ) के रूप में बहुत शक्तिशाली होकर आपके पास आता है । तथा आपके नाभि चक्र को बहुत शक्तिशाली बना देता है । मुझे पता है कि कुछ कुतर्की लोग इस बात को नहीं मानेंगे इसलिए मैं विज्ञानं का एक उदहारण दे रहा हूँ । जरा ध्यान से समझने की कोसिश करे.एक ५०० मीटर लंबे बंद हॉल में आप एक शब्द का उच्चारण करे … [ Read More ]

दीपावली पर माता लक्ष्मी की पूजा की तैयारी अभी से । कब और कौनसे मुहूर्त में करे माता लक्ष्मी की पूजा ?

दीपावली पर माता लक्ष्मी की पूजा की तैयारी अभी से । सर्वोत्तम मुहुर्त । लक्ष्मी पूजा के लिए स्थिर लग्न उत्तम है जिससे माता लक्ष्मी घर में विराजमान रहती है । इस बार दीपावली 11 नवंबर बुधवार को मनाई जाएगी । देलहि में स्थिर ( वृष ) लग्न शाम 5:41 से सायं 7:36 तक रहेगी । वृष लग्न में 12 विशोंपक बल है और इसी समय शुभ की चौघड़िया शाम 7:07 बजे से रात्रि 8:47 तक और अमृत की चौघड़िया रात्रि 8:47 से रात्रि 10:47 बजे तक रहेगी । चर की चौघड़िया 10:47 से 12:07 मिनट रात्रि तक रहेगी । पूजा में शुभ , अमृत और चर की चौघड़िया धन लाभ के लिए बहुत अच्छी रहती है । दिल्ली में प्रदोष काल 20:06 तक । निशीथ काल 20:06 से 22:45 तक । महानिशीथ काल 22:45 से 25:24 तक रहेगा । निशीथ काल में माता लक्ष्मी का पूजन सर्वोत्तम रहता है … [ Read More ]