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जवान आदमी क्यो जल्दी बूढ़ा और नपुंषक हो जाता है नैऋत्य कोण के मास्टर बेड रूम मे सोने से ?

महावास्तु शास्त्री किसी भी उम्र के घर के मुखिया को नैऋत्य कोण सोने की सलाह देते है । जो कि एक बहुत बड़ा अपराध है । उनको इसका वैज्ञानिक आधार नहीं पता होता है । आज आपको इसका वैज्ञानिक आधार बताता हूँ । चारों दिशाओं और चारो कोणो मे नैऋत्य कोण ही सबसे कम ऊर्जा का क्षेत्र होता है । तथा ईशान कोण सबसे ज्यादा ऊर्जा का क्षेत्र होता है । जवान आदमी अगर घर का मुखिया है तो उसको काम करने के लिए ज्यादा ऊर्जा की आवश्यकता होती है । इसलिए उसको ज्यादा ऊर्जा वाला रूम चाहिए । अगर उसको कम ऊर्जा वाले रूम मे सुला देंगे तो उसका शरीर बीमार होना शुरू हो जाएगा । देर तक सोएगा तथा आलसी हो जाएगा और योंन इच्छा खत्म हो जाएगी तथा चेहरा का ग्लो खत्म हो जाएगा । इसलिए नैऋत्य कोण मे 60 साल से ज्यादा उम्र के घर के … [ Read More ]

कितना घातक है रात को जागना और पूरी नींद न लेना ये नींद क्या है ? क्यो आती है नींद ? रात को जागने से लंबी बीमारियों से कैसे मौत के मुंहू मे जाता है इंसान ? जानिए नींद का वैज्ञानिक रहश्य ।

आजकल विज्ञान ,कम्प्यूटर और नेट का जमाना है तथा पूरी दुनिया इंटरनेट से जुड़ गयी है । इसलिए मनुष्य रात और दिन काम करने लगा है । कॉल सेंटर और रात की शिफ्ट मे काम करने वाले लोगो का बुरा हाल है । जवान बच्चे बहुत जल्दी नपुसक और बूढ़े हो रहे है । दिनरात काम करने के कारण मनुष्य डिप्रेशन की भयंकर बीमारी तथा मानसिक रोगों का शिकार होने लगा है । बीमारियाँ कुकुरमुत्ते की तरह बढ़ रही है । रातभर जागना व दिन मे सोना प्रकृति के नियमों के विरुद्ध है । जब जब भी हम प्रकृति के नियमो का उलंघन करेंगे तब तब तबाही के कगार पर आ जाएँगे । अब मैं आपको बताता हूँ क्यो रात को जागने से शुगर , उच्च रक्तचाप, किडनी फैलोर, कम उम्र मे हार्ट अटेक , डिप्रेशन , शिरदर्द , बुद्धि का कमजोर होना , याद न रहना , और बुढ़ापा … [ Read More ]

कर भला तो हो बुरा आखिर ऐसा क्यो होता है ?

बड़ी विचित्र बिडम्बना कि आप किसी का भला करते हो तो मनुष्य आपका बुरा क्यो करता है ? यह सदियों से हो रहा है और होता रहेगा । आज इस रहश्य को जानने की कोशिस करते है । इसका मुख्य कारण है मनुष्य की प्राकृतिक आगे बढ़ने की चेष्टा । यह चेष्टा ही मनुष्य को बुरा करने पर मजबूर करती है । प्रकृति का नियम है बड़ा पेड़ छोटे पेड़ को बढ़ने नेही देता है । जब बड़ा पेड़ सूख जाता है तो छोटा पेड़ बड़ा होना शुरू हो जाता है। जब कोई शिष्य गुरु के पास शिक्षा ग्रहण करता है तो वो गुरु के सभी गुणो को लेना चाहता है । अगर गुरु कुछ ज्ञान अपने पास रिजर्व मे रख लेता है तो वही शिष्य उस गुरु का शस्त्रु बन जाता है । अगर आप किसी को कोई व्यापार का हुनर सिखाते हो तो वो ही आगे आपका प्रितयोगी … [ Read More ]

वेद ज्ञान कहता है कि मांसाहारी मनुष्य ज्ञानी तो हो सकता लेकिन योगी नहीं बन सकता है । आखिर इसका वैज्ञानिक कारण क्या है ?

इसके दो मुख्य कारण है पहले आध्यात्मिक और दूसरा वायो वैज्ञानिक कारण है । अष्टांग योग मे मन को नाथने के लिए की 8 पड़ाव है । जिसमे पहला यम है । अगर आप अपने स्वाद और विचारों को अपने बस मे नहीं कर सकते है तो आगे की सीडी चढ़ना असंभव है । आपका योगी बनने का पहला पड़ाव यही खत्म हो जाता है । दूसरा इसका वैज्ञानिक कारण है । इसको आप एक उदाहरण के माध्यम से समझ सकते हो । जैसे पेट्रोल की दो श्रेणी होती है एक जो कार या स्कूटर मे डाला जाता है । इस पेट्रोल मे शुद्धता कम होती है जिसके कारण इसका पिक अप कम होता है । और इसका प्रयोग जमीन पर चलने वाले वाहनो पर होता है । दूसरा पेट्रोल हवाई जहाज मे डाला जाता है जो कि बहुत ज्वलनशील और हल्का होता है तथा ज्यादा शक्तिमान होता है । … [ Read More ]

वायु पुराण

यह पुराण आकार मे बहुत छोटा है । इसमे केवल 112 अध्याय और 11000 श्लोक है । इसके चार खंड है तथा दो भागो मे पूर्व भाग और उत्तर भाग मे विभाजित है । यह पुराण कुरुक्षेत्र काल मे लिखा गया था । राजा परीक्षित की पाँचवी पीड़ी के राजा अधीसाम्क्रष्ण के राज के समय मे इस पुराण का संकलन हुआ था । पूर्व भाग – पूर्व भाग मे सृष्टि का विस्तृत वर्णन है । सृष्टि भगवान शिव से अभिव्यक्त होती है । भूगोल और खगोल और इतिहास की द्र्श्ति से यह पुराण उत्तम है इसमे जम्मू दीप की विस्तृत जानकारी मिलती है । चारो वेदो और चारो आश्रमो का विस्तृत वर्णन है । यज्ञ , ऋषि तीर्थ तथा ब्रह्मणो के वंशो का वर्णन है । इस पुराण की विशेषता है कि इसमे भगवान शिव के और भगवान विष्णु के चरित्र का विस्तृत वर्णन है । इसके अलावा पशुपति की … [ Read More ]

विष्णु पुराण

भूगोल , ग्रह , नक्षत्र और ज्योतिष का पुराण यह पुराण ऋषि पाराशर के द्वारा लिखित पुराण है । यह पुराण दार्शनिक द्रष्टि से तथा वैष्णव धर्म के महत्व के अनुसार श्रीमद भागवत के बाद दूसरे स्थान पर आता है । श्री मद भागवत के आकार का तीसरा अंश है । इस पुराण मे 6 अंश है इसमे खंड नहीं है तथा 126 अध्याय है । विष्णु पुराण के पहले अंश मे श्रष्टि की उत्पत्ति का वर्णन है तथा बालक ध्रवु , राजा प्रथु और भक्त प्रह्लाद की कथाओ का वर्णन है । विष्णु पुराण के दूसरे अंश मे भूगोल का बहुत ही आकर्षक वर्णन है इसके अलावा प्रथवि के नो खंड , विभिन्न लोको के स्वरूप और ग्रह नक्षत्र और ज्योतिष का वर्णन है । विष्णु पुराण के तीसरे अंश मे चारो आश्रमो ब्रह्मचर्य, ग्रहस्थ , वानप्रथ और सन्यास की जानकारी तथा उनका उपयोग और महत्व , वेदों के … [ Read More ]

पदम पुराण ज्ञान का भंडार

पिछली पोस्ट मे हमने लिखा था कि पदम पुराण के 5 खंड होते है । जिसमे आपको 2 खंडों सृष्टि खंड और भूमि खंड की जानकारी दी थी । आज आपको 3 खंडों की जानकारी देंगे । 3- स्वर्ग खंड – इस खंड मे देवता , गंधर्व , अप्सरा और यक्ष आदि के लोको की जानकारी दी गयी है । इस खंड मे राजा दिबोदास , राजा हरीशचंद और मानधता आदि राजाओ का विवरण है । सूत जी द्वारा भारत वर्ष के 7 पर्वत , 122 नदी , उत्तर भारत के पुराने 135 जिले तथा दक्षिण भारत के प्रमुख 51 जिले का वर्णन है । इसके अलावा मलेच्छ राजाओ का तथा 20 महान राजाओ का वर्णन है । इसके अलावा नारद जी ने गंगा , यमुना , सरस्वती और नर्मदा नदियों की महिमा का वर्णन किया है । इसके अलावा अमरकंटक तीर्थ और ब्रह्मचर्य तथा ग्रहस्थ आश्रम का भी वर्णन … [ Read More ]

क्या है पदम पुराण मे ? ज्ञान का भंडार है ये पुराण

स्कन्द पुराण को छोडकर पदम पुराण सभी पुराणों मे बड़ा है । पदम पुराण मे 50000 श्लोक है तथा 282 अध्याय है तथा मुख्त : 5 खंडो मे प्रकाशित है । 1- सृष्टि खंड 2- भूमि खंड 3- स्वर्ग खंड 4- पाताल खंड और 5- उत्तर खंड 1-सृष्टि खंड – यह खंड भी 5 पर्वो मे बिभाजित है 1- पोषकर पर्व – इस पर्व मे देवता, मुनि ,पितर ,मनुष्य की 9 प्रकार की योनियो का वर्णन है । 2- तीर्थ पर्व – इस पर्व मे पर्वत , द्वीप , सप्तसागर का वर्णन है । 3- तीसरे पर्व मे दक्षिणा देने वाले राजाओ का वर्णन है । 4- चोथे पर्व मे राजाओं के वंश का वर्णन है तथा 5- पांचवा पर्व मोक्ष का पर्व है इस पर्व मे मोक्ष मे जाने के साधन का वर्णन है । इसके अलावा समुद्र मंथन , वामन अवतार , मार्कन्डेय की उत्पत्ति , कार्तिकेय की … [ Read More ]

क्या है पुराणो का सार ?

पुराणो को तीन प्रकार से बर्गीकृत किया गया है । यह बर्गीकारण इनमे लिखे ज्ञान के आधार पर किया गया है । 1- सतोगुणी पुराण 2- रजोगुणी पुराण 3- तमोगुणी पुराण 1-सतोगुणी पुराणो मे 6 पुराण आते है विष्णु पुराण , नारद पुराण , भागवत पुराण , गरुण पुराण , पदम पुराण और वराह पुराण आते है । इन पुराणो मे सतोगुण प्रधानता है । 2-रजोगुणी पुराण मे भी 6 पुराण आते है । ब्रहमाण पुराण , ब्रह्मा वैवर्त पुराण , मार्कण्डे पुराण , भविष्य पुराण , वामन और ब्रह्म पुराण आते है । ये पुराण रजोगुण प्रधान है । 3- तमोगुण पुराणो मे भी 6 पुराण आते है । मत्स्य पुराण , कूर्म पुराण , लिंग पुराण , सकन्द पुराण और अग्नि पुराण आते है । इस पुराणो मे तामस वृति है । अगली पोस्ट मे संक्षेप मे लिखूंगा कि इन पुराणो मे क्या क्या है । पंडित यतेन्द्र … [ Read More ]

शरीर मे पाँच उपप्राणो के कार्य –

1- नाग उपप्राण – नाग उपप्राण प्राण का उप है । जब मनुष्य को क्रोध आता है तब यह प्राण क्रोध से उत्पन्न विष को उगल देता है । तथा शरीर मे मोजूद अमृत को भस्म कर देता है । शरीर मे क्रोध नाग प्राण के कारण उत्पन्न होता है । 2-देवदत्त उपप्राण – यह प्राण व्यान प्राण का उप प्राण है । इस उपप्राण का संबंध लोक लोकांतरों से होता है । जब मनुष्य समाधि मे जाता है तो देवदत्त प्राण ही विभिन्न लोको से संबंध स्थापित करता है । इसका संबंध ज्ञान की धाराओं से होता है । 3- धनंजय उपप्राण – इस उपप्राण का संबंध उदान प्राण से होता है । उदर मे होने वाली क्रियाओं का संपर्क धन्जय उपप्राण से होता है । स्वस्थ रहने के लिए धन्जय मजबूत रहना चाहिए । 4- कूर्म उपप्राण – इस उपप्राण का संबंध अपान प्राण से होता है । … [ Read More ]