यह सत्य है कि मनुष्य का जीवन बहुत पुण्य कर्म से मिलता है । मनुष्य की म्रत्यु के समय यह निर्धारित हो जाता है कि मनुष्य कौन सी योनि मे जन्म लेगा ।
मरते समय आत्मा शरीर के 9 द्वारो मे से किसी एक द्वार से बाहर जाती है । और 10वा द्वार ब्रह्मरंध्र होता है
1- अगर आत्मा लिंग या योनि के रास्ते से बाहर जाता है तो मनुष्य को जन्म उन योनियो मे मिलता है जो जीने और मरने मे लगी रहती है । जो एक दिन मे जन्म भी लेती है और मर भी जाती है ।
2- अगर आत्मा गुदा के रास्ते से बाहर जाता है तो ऐसे मनुष्य को नरकीय योनि प्राप्त होती है । नरकीय योनि वो होती है जो हमेशा अंधेरे मे रहती है । उनको कभी सूर्य का प्रकाश नहीं मिलता है ।
3- अगर आत्मा मुख के रास्ते से बाहर जाता है तो ऐसे मनुष्य को विषेले जीव जन्तु कीड़े की योनि की प्राप्त होती है । जैसे साँप विछू गुहेरा इत्यादि ।
4- अगर आत्मा नाक के रास्ते से बाहर जाता है तो ऐसे मनुष्य को मनुष्य की योनि ही प्राप्त होती है । नाक के दो स्वर होते है एक चन्द्र स्वर और दूसरा सूर्य स्वर होता है । अगर चन्द्र स्वर से आत्मा जाता है तो तमोगुण प्रधान जीवन और सूर्य स्वर से जाता है तो सतोगुण प्रधान जीवन मिलता है ।
5- अगर आत्मा कानो के रास्ते बाहर जाता है तो ऐसे मनुष्य को पक्षी योनि प्राप्त होती है ।
6- अगर आत्मा नेत्रो के रास्ते बाहर जाता है तो ऐसे मनुष्य को जलचर योनि प्राप्त होती है ।
7- अगर आत्मा ब्रह्मरंध्र के रास्ते बाहर जाता है तो ऐसे मनुष्य को मोक्ष प्राप्त होता है।
आखिर इन सब बातों का कोई वैज्ञानिक आधार है ।
जी हाँ आप इसको एक वैज्ञानिक उहारण के माध्यम से समझ सकते हो । जब आपके कोप्म्पुटर की हार्ड डिस्क फुल् हो जाती है तो कम्प्युटर हैंग हो जाता है । और मरने की स्थिति मे आ जाता है और कोप्म्पुटर काम नहीं करता है । फिर आप उसकी मेमोरी मे से कुछ चीज़ों को फोरमिट कर देते है । अब ध्यान देने वाली बात यह है कि आपने कम्प्युटर मे से क्या चीज़ फोर्मिट की है उसी के आधार पर कम्प्युटर जीवित हो जाता है । अगर आपने गाने फोर्मिट किए है तो गाने के कारण ही आपका कम्प्युटर का पुनर्जन्म हो सका है । आप अपना महत्वपूर्ण डाटा कभी नहीं फोर्मिट करते है । अगर आपने महत्वपूर्ण डाटा फोर्मिट किया है तो कम्प्युटर का पुनर्जन्म अच्छे डाटा के कारण हुआ है ।
ऐसे ही मनुष्य जब म्रत्यु को प्राप्त होने की स्थिति मे होता है तो मनुष्य की हार्ड डिस्क यानि चित मे जो सबसे ज्यादा संख्या मे चीज़ संचित होती है उनके आधार पर पुनर्जन्म मिलता है । अगर मनुष्य की डाटा फ़ाइल मे पाप का डाटा ज्यादा संचित है तो कीड़े मकोड़े और पुण्य का डाटा संचित है तो मोक्ष प्राप्त होता है ।
मरते समय आत्मा शरीर के उन कर्मो को साथ लेकर बाहर निकलती है जो सबसे ज्यादा मात्रा मे मनुष्य ने अपने जीवन मे किए होते है । और कर्मो के कारण आत्मा का बाहर निकालने का द्वार निर्धारित होता है । इसलिए मनुष्य को पुण्य का डाटा संचित करना चाहिए । अगर आपने पुण्य कर्म का डाटा संचित किया है तो आपको अपनी इच्छा के अनुसार ही पुनर्जन्म मिलेगा ।
पं. यतेन्द्र शर्मा ( ज्योतिषविद् एवं वास्तु एक्सपर्ट )
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