स्कन्द पुराण को छोडकर पदम पुराण सभी पुराणों मे बड़ा है । पदम पुराण मे 50000 श्लोक है तथा 282 अध्याय है तथा मुख्त : 5 खंडो मे प्रकाशित है । 1- सृष्टि खंड 2- भूमि खंड 3- स्वर्ग खंड 4- पाताल खंड और 5- उत्तर खंड
1-सृष्टि खंड –
यह खंड भी 5 पर्वो मे बिभाजित है 1- पोषकर पर्व – इस पर्व मे देवता, मुनि ,पितर ,मनुष्य की 9 प्रकार की योनियो का वर्णन है । 2- तीर्थ पर्व – इस पर्व मे पर्वत , द्वीप , सप्तसागर का वर्णन है । 3- तीसरे पर्व मे दक्षिणा देने वाले राजाओ का वर्णन है । 4- चोथे पर्व मे राजाओं के वंश का वर्णन है तथा 5- पांचवा पर्व मोक्ष का पर्व है इस पर्व मे मोक्ष मे जाने के साधन का वर्णन है । इसके अलावा समुद्र मंथन , वामन अवतार , मार्कन्डेय की उत्पत्ति , कार्तिकेय की उत्पत्ति , तारकासुर वध रामचरित मानस का विस्तृत वर्णन है ।
2- भूमि खंड –
यह खंड भगवान बिष्णु की भक्ति का खंड है , यह खंड बैष्णव खंड है । इसमे भगवान शिव और भगवान विष्णु की महिमा का वर्णन है । इस खंड के प्रारम्भ मे शिवकरमा नाम के ब्रहामण की पित्र भक्ति तथा स्वर्ग लोक की प्राप्ति का वर्णन है । ऋषि वशिष्ठ द्वारा सोम शर्मा नाम के व्यक्ति को पूर्व जन्म संबंधी जानकारी का विवरण है । राजा प्रथु के जन्म का और सती सुकला के पतिव्रता धर्म का वर्णन है । एक सूकर और सूकरी के पूर्व जनम का वर्णन है तथा सूकरी का रानी सुदेवा के पुण्य से ऊद्दार होने का वर्णन है । इसके अलावा महर्षि चवन की कथा का विस्तार से वर्णन है ।
तीन खंडो की जानकारी आपको अगली पोस्ट मे देंगे । इतना बड़ा ज्ञान का भंडार न किसी धर्म के पास था न कभी होगा । जय सनातन धर्म की । सनातन हिन्दू धर्म अपनाए और जीवन को सफल बनाए ।
पंडित यतेन्द्र शर्मा ( कुंडली एवं वास्तु विशेष्ाज्ञ)