पुराणो को तीन प्रकार से बर्गीकृत किया गया है । यह बर्गीकारण इनमे लिखे ज्ञान के आधार पर किया गया है ।
1- सतोगुणी पुराण 2- रजोगुणी पुराण 3- तमोगुणी पुराण
1-सतोगुणी पुराणो मे 6 पुराण आते है विष्णु पुराण , नारद पुराण , भागवत पुराण , गरुण पुराण , पदम पुराण और वराह पुराण आते है । इन पुराणो मे सतोगुण प्रधानता है ।
2-रजोगुणी पुराण मे भी 6 पुराण आते है । ब्रहमाण पुराण , ब्रह्मा वैवर्त पुराण , मार्कण्डे पुराण , भविष्य पुराण , वामन और ब्रह्म पुराण आते है । ये पुराण रजोगुण प्रधान है ।
3- तमोगुण पुराणो मे भी 6 पुराण आते है । मत्स्य पुराण , कूर्म पुराण , लिंग पुराण , सकन्द पुराण और अग्नि पुराण आते है । इस पुराणो मे तामस वृति है ।
अगली पोस्ट मे संक्षेप मे लिखूंगा कि इन पुराणो मे क्या क्या है ।
पंडित यतेन्द्र शर्मा ( कुंडली एवं वास्तु विशेष्ाज्ञ )