ज्ञान की श्रेणी में सबसे कठिन ज्ञान योग विज्ञानं होता है . यह ज्ञान शरीर के आतंरिक भाग और ब्रह्माण्ड के बाहरी भाग का समन्वय करता है . शरीर बाहरी ब्रह्माण्ड का सूक्ष्म रूप है . पहले सूक्ष्म ब्रह्माण्ड को जानना और बड़े ब्रह्माण्ड के साथ समन्वय करना बहुत कठिन तपस्या का काम है . इस ज्ञान को प्राप्त करने के लिए लगातार अष्टांग योग की आवश्यकता होती है . एक बार यह ज्ञान आ जाता है फिर बहुत आसन है . योग विज्ञानं के बाद आता है ज्योतिष विज्ञानं . यह ज्योतिष विज्ञानं ब्रमांड के बाहरी आवरण की जानकारी देता है . ब्रह्माण्ड में होने वाली घटनाओं के कारण मानव जीवन पर क्या प्रभाव होता है . उन घटनाओं की जानकारी ज्योतिष विज्ञानं के माध्यम से दी जा सकती है .ज्योतिष ज्ञान भी बहुत कठिन है पर योग विज्ञानं से कम है . उसके बाद आता है साधारण ज्ञान विज्ञानं , इस ज्ञान के माध्यम से गीता ज्ञान , रामायण ज्ञान , कुरान ज्ञान , बाइबिल ज्ञान , गणित ज्ञान भोतिक विज्ञानं , राजनीति और समाजशास्त्र जैसे विषयों की गहराई को समझा जा सकता है . यह मानव का साधारण ज्ञान होता है . यह ज्ञान बहुत आसन है इस ज्ञान को आसानी किसी से सुन कर या पढ़कर प्रयोग में लाया जा सकता है . और मनुष्य को सभी ज्ञानो को अर्जित करने की कोशिस करनी चाइये .
पंडित यतेन्द्र शर्मा, कुंडली एवं वास्तु विशेष्ाज्ञ( ऐ1 श्री बालाजी हनुमान मंदिर रामा विहार डेल्ही 81 )