बुरे कर्मो के आधार पर मनुष्य कैसे जाता है जानवर योनि मे ? क्या है इसका प्राकृतिक वायो वैज्ञानिक आधार ?

मनुष्य का जीवन बहुत दुर्लभ है । इस श्रष्टि मे सतोगुणी , रजोगुणी और तमोगुणी तीन प्रकार की आत्मा होती है और 4 प्रकार की योनियाँ 1- स्थावर 2- अंडज 3- उद्विज 4 – जंगम होती है । इसके अलावा 5 तत्व 1- प्रथ्वी 2- वायु 3- अग्नि 4- जल 5- अंतिरिक्ष होते है और 84 लाख योनियाँ होती है । इन सभी के मिश्रण से यह दुर्लभ मनुष्य जीवन बनता है । 84 लाख योनियों मे से लगभग 80 लाख योनियों को डिशकवरी चेनल ने खोज निकाला है ।

मानव शरीर मे 84 लाख योनियों के स्वभाव का मिश्रण होता है । मनुष्य का स्वभाव एक जैसा शेर जैसा भी हो सकता है और गधे घोड़े और मच्छर जैसा स्वभाव भी हो सकता है । इसके अलावा मनुष्य के शरीर मे स्थावर योनि के तत्व भी पाये जाते है । जैसे लोहा , पत्थर और भिन्न भिन्न प्रकार की गॅस ।

मनुष्य के शरीर मे अंडज योजी के तत्व भी पाये जाते है ।जैसे कीड़े , स्पर्मी , जुआँ और रेगने वाले जन्तु भी पाये जाते है । और अंडज योनि का प्रभाव तो मनुष्य पर बहुत गहरा होता है । इन सभी छीजो को बताने का उद्देश सिर्फ यह था कि मनुष्य के शरीर मे सभी योनियो का मिश्रण है ।

हमारे ऋषि मुनि काया पलट के सिधान्त को जानते थे । उनको योनियो मे भ्रमण का सिधान्त पता था । वो कभी शेर बन जाते थे तो कभी सूअर बन जाते थे तो कभी हिरण तो कभी हाथी बन जाते थे । कभी इतने सूक्षम जीव बन जाते थे कि मनुष्य को दिखाई नहीं देते थे ।

जब मनुष्य बुरे कर्म करता है तो पाप कर्म मनुष्य के चित मे संचित हो जाते है । और जिस प्रकार के पाप कर्म किए जाते है तो वही पाप कर्म उसी प्रकार की योनि के चित मे चले जाते है । अगर मनुष्य ने गौ हत्या की तो गौ हत्या का पाप संचित होकर मानुष को अगले जन्म मे जानवर योनि स्वत ही भेज देगा । यह संचित कर्मो का सिधान्त एक पेन ड्राइव की तरह काम करता है । जैसे एक पेन ड्राइव मे डाटा संचित रहता है । उसको आप किसी भी कम्प्युटर मे डाल सकते हो । चित हमारे पाप कर्मो का पेन ड्राइव है । जो पाप करने पर दूसरी योनि मे डाटा को भेज देता है ।

इसलिए हमारे ऋषिओ के अनुसार कर्मो के फल के अनुसार जीवन मिलता है । अगर आपने बुरे कर्म किए तो निश्चित तौर पर मनुष्य योनि नहीं मिलेगी । आपका मनुष्य योनि से डिमोसन होगा । आपको कीट पतंगे , जीव जन्तु , पक्षी या जानवर योनि मे जाना पड़ेगा ।

पं. यतेन्द्र शर्मा ( ज्योतिषविद् एवं दार्शनिक )
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