त्वचा हमारे शरीर के अंदर के सभी अंगो को ढकती है यह सत्य है पर इसके अलावा त्वचा का संबंध हमारे शरीर की 72,72,10 202 नस नाड़ियों के साथ साथ हमारे धुलोक के साथ भी होता है।
हमारी त्वचा पर 5 तत्वो (प्रथ्वी,अग्नि,वायु,जल,अंतिरक्ष ) का प्रभाव पूर्ण रूप से होता है । त्वचा 5 तत्वो के मिश्रण से बनती है । जहां पर त्वचा बहुत कठोर होती है जैसे एढ़ी, कोहनी ,घुटने हिप्स और कंधे इन पर प्रथ्वी तत्व का प्रभाव होता है ।
शरीर मे जहां पर त्वचा नरम और बहुत संबेदनशील होती है । वहाँ पर वायु तत्व और अंतिरक्ष तत्व का प्रभाव होता है। तथा जहां पर त्वचा फैलती है और सिकुड़ती है वहाँ पर जल और अग्नि तत्व का प्रभाव होता है । नाक के अगले हिस्से का संबंध प्रथ्वी तत्व से होता है क्यो कि नाक प्रथ्वी के रसों, सुगंधों और पदार्थो को सूंघने का काम करती है। तथा पिछले हिस्से का संबंध वायु तत्व से होता है जोकि यह फैसला करता है कि वायु मे कोई हानिकारक तत्व तो नहीं जो शरीर को हानि पहुंचाए । कानों पर दो तत्वो अंतिरक्ष और वायु का प्रभाव रहता है ।
कान के बाहरी हिस्से पर अंतिरक्ष तत्व का प्रभाव होता है क्यो कि कान की बाहरी त्वचा ही अंतिरक्ष से शब्दो को लाती है । तथा वायु के माध्यम शब्दों को अंदर भेजती है । आंखो पर पाँच तत्व का प्रभाव रहता है क्योकि आंखे के अंदर जल तत्व ,पल्कों पर वायु तत्व ,पुतली पर अग्नि तत्व और अंतिरक्ष तत्व का प्रभाव होता है । तथा आंखो के चारों तरफ प्रथ्वी तत्व का प्रभाव होता है । इसी प्रकार बार बार सिकुड़ने और फेलने वाले लिंग और योनि पर अग्नि और जल तत्व का प्रभाव होता है । गर्भाशय और पेट पर जल तत्व का प्रभाव होता है । इसी प्रकार त्वचा पर भिन्न भिन्न तत्वों और अंतिरक्ष की तरंगो का प्रभाव होता है ।
आखिर त्वचा पर बाल क्यो होते है ? बालों का अपना एक विज्ञान है । बाल त्वचा की रक्षा तो करते है ही साथ मे चुम्बकीय तरंगों के माध्यम से हमारे शरीर को अंतिरक्ष से ऊर्जा की आपूर्ति करते है । पल्कों के बाल बहुत ही संबेदनशील होते है । वो अंतिरक्ष मे होने वाली घटना के साथ साथ आंखो को सुरक्षा देते है । काँखों के बाल हमारी हाथों की मसल को मजबूती देते है ।
छाती के बाल पुरुष को आत्मविश्वास देते हैं तथा भय से बचाते है । इसलिए लोक कहावत है जिस मर्द की छाती पर बाल नहीं वो क्या युद्ध लड़ेगा । लिंग और योनि के बाल काम ऊर्जा मे सहायक होते है । शरीर पर घने बाल नरवेस सिस्टम को मजबूत करते है । । इसलिए लंबे बाल वाले लोग बहुत दिमाग के तेज़ और बुद्धिमान होते है तथा उनकी याददस्त बहुत अच्छी होती है । इसलिए ऋषि मुनि और ज्ञानी लोग तथा कथा वाचक लंबे बाल रखते है ।
पं. यतेन्द्र शर्मा ( ज्योतिषविद् एवं सनातन धर्म प्रचारक )
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